संक्षिप्त जानकारी
देश
के हजारों युवा मिलके एक ऐसे अद्भुत राजनितिक दल का गठन करने जा रहे हैं जो
संपूर्ण रूप से आम आदमी द्वारा संचालित होगा| इस दल के मुख्य आकर्षण ये हैं कि इस दल के पास
उमीदवारों को टिकट देने का अधिकार नहीं होगा, बल्कि
चुनाव के ३ से ६
महीने पूर्व वोटिंग द्वारा आम आदमी तय करेंगे कि उनके क्षेत्र में एम्. पी. या
एम्. एल. ए. के रूप में किसको टिकट मिलना चाहिए| आम आदमी के पास जीते हुए एम्. एल. ए. या एम्.
पी. के काम का मूल्याङ्कन करने का अधिकार होगा और अगर वे संतोष जनक कार्य न कर रहे
हों तो उन्हें बहिष्कृत करने का भी अधिकार होगा| दुसरे पार्टीयों में यह अधिकार पार्टी आला कमान
के पास होता है, लेकिन इस राजनितिक दल में ये अधिकार आम आदमी के
पास होगा |
यह
दल किसी व्यक्ति के द्वारा नहीं अपितु आम आदमी के द्वारा संचालित होगा| हर लोकसभा
क्षेत्र में ५०-१०० लोगों का एक गवर्निंग बॉडी रहेगा जो इस दल को नेतृत्व देंगे| इस गवर्निंग
बॉडी का गठन संपूर्ण लोकतान्त्रिक तरीके से किया जायेगा और इसके पदाधिकारियों का
अधिकतम कार्यकाल ६ महिना होगा|
इससे नए युवाओं को भी नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा| यह सिधांत इसलिए
लिया गया है कि कुछ लोगो का कुर्सी प्रेम हीं आज इस देश के सामने गंभीर समाश्या बन
गया है| जब
ये निश्चित रहेगा कि ६ महीने बाद पद से हटना हीं है तो कोई भी व्यक्ति पद के मोह
में न पड़ेगा|
इस
दल कि ओर से देश के युवाओं से ये प्रार्थना किया जा रहा है कि अगर आप राष्ट्र के
लिए कुच्छ अच्छा करना चाहते हैं, तो यह एक बहुत
हीं अच मंच और सुयोग है|
इस ऐतिहशिक अभियान के साथ जुड़ने के लिए संपर्क करें: parivartan२०१४@gmail.com.
विस्तृत विवरण
देश
के तमाम समस्याओं का समाधान ढूंढ़ते हुए, स्वर्गीय
श्री राजीव दिक्सित जी से प्रेरित, लाखो युवाओं ने
स्वीकार किया की अब सत्ता परिवर्तन से कुछ नहीं होगा, बल्कि
व्यवस्थाओं का परिवर्तन करना पड़ेगा|
इस
पार्टी में पार्टी के हाई कमांड के पास उमीदवारों को टिकट देने का अधिकार नहीं
होगा, बल्कि आम जनता चुनेगी की वो किसे ऍम. पी. या ऍम.
एल. ऍ. बनाना चाहती है|
आम
आदमी को अपना उमीदवार चुनने का अधिकर होगा| ये एक नया राजनितिक दल नहीं बल्कि एक नयी
व्यवस्था का नाम होगा| ये
राजनितिक दल पूर्ण रूप से आम आदमी द्वारा संचालित होगा| ये सम्पूर्ण
लोकतंत्र का मिसाल होगा|
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEglwgPCG5x_aCd5sHa0G4P1IXFmf54iNosG-VTAPR5ZqHM_BRKo7mw7-Pcl4NRqtXBEC8L4MdFkUp42GDYRFoQCrn_nZctDx4UUB44y_LS6onpSkeWWjkYl0S9cSe7B2sCm98UyuPVkNy4/s1600/Right-To-Recall-300x250.jpg)
इस राजनितिक दल का मुख्य आकर्षण होगा:
-> आम
आदमी के पास रहेगा उमीदवार चुनने का अधिकार (राईट टू सेलेक्ट)
-> आम
आदमी के पास रहेगा चुने हुए उमीदवार का हर महीने मूल्यांकन करने का अधिकार (राईट
टू एस्सेस)
-> आम
आदमी के पास रहेगा चुने हुए उमीदवार का बहिस्कार करने का अधिकार (राईट टू रिकाल)
-> भारतवाशियों
में देश भक्ति तथा देश के प्रति गौरव भाव को जगाना|
-> आम
आदमी को देश की समस्याओं तथा उनके समाधान का ज्ञान करना ( जैसे देशव्यापी
गरीबी और बेरोजगारी की समस्या, कृषि में रशायानिक खाद की समस्या आदि)
-> भारत
का असली इतिहास जन जन तक पहुचाना|
-> देश
को आत्म निर्भर बनाना|
-> हम
और आप जैसे लोग जो देश भक्त हैं और वर्तमान व्यवस्थाओं से परेशान हैं, हम
सब मिलकर देश की वर्ततमान समस्याओं का समाधान करने के लिए इस दल का गठन कर रहे हैं|
इस
राजनितिक दल का नाम क्या होगा?
-> इस
राजनितिक दल का नाम भी जनमत द्वारा हीं तय किया जायेगा| आप भी अगर किसी
अच्छे नाम का सुझाव देना चाहते हैं तो कृपया हमारे फ़ोन नंबर पर एस. एम्. एस. करें|
-> इस
राजनितिक दल में सम्पूर्ण अधिकार जनता के हीं हाथ में रहेगा और जनता हीं मालिक
रहेगी नेता मालिक नहीं होगा|
-> इस
सवाल का उत्तर देने के लिए हमें पहले ये समझाना होगा की वर्तमान राजनितिक व्यवस्था
में क्या गड़बड़ी है? वर्त्तमान के सभी राजनितिक दलों में एक
पार्टी हाई कमांड होता है, जो पार्टी का परिचालन करते हैं,
वो हीं तय करते हैं की कंहा से किसे टिकट देना है और यंही से हीं
गड़बड़ी शुरू होती है|
उम्मीदवारों
को ये सोचना नहीं पड़ता है की उनके चुनावी क्षेत्र में लोग उनसे कितने खुश हैं,
बल्कि उन्हें ये खयाल रखना पड़ता है की उनके बारे में पार्टी हाई
कमांड क्या सोचती है| इसलिए
मंत्री बार बार अपनी दायित्वों का निर्वहन न करते हुए अपने पार्टी प्रेसिडेंट के
इर्द-गिर्द घूमते हुए नज़र आते हैं|परन्तु
इस जनमत आधारित दल में टिकट देने का अधिकार सिर्फ आम आदमियों के हीं अधिकार में है| अतः उमीदवारों
को ये सोचना पड़ेगा की उनके चुनावी क्षेत्र में जनता उनसे कितनी प्रस्सन है और जनता
को प्रस्सन करने का एक मात्र रास्ता है- समाज के हित में कार्य करना|
-> इस
दल का कोई प्रेसिडेंट या सेक्रेटरी नहीं होगा| हर लोकसभा क्षेत्र में ३० से ५० सदस्यों का एक
गवर्निंग बॉडी बनाइ जायेगा जो इस दल का परिचालन करेंगे| इन पदाधिकारियों
का अधिकतम कार्यकाल ४ से ६ महिना हिन् होगा|
हर
महीने इस गवर्निंग बॉडी के २०% सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जायेगा और नए युवाओं
को इसमें नेतृत्व करने का मौका मिलेगा|
-> हर
लोकसभा केंद्र में, इस दल के कार्यकर्ता ( जिनके
पास वोटिंग राईटस रहेंगे ), वोटिंग के द्वारा इस गवर्निंग बॉडी का
चुनाव करेंगे| गवर्निंग
बॉडी अगर ठीक से काम न करे तो इसे भंग करके नई गवर्निंग बॉडी का निर्माण किया जा
सकता है|
-> इस
दल का एक संविधान होगा, जिसके नियम सभी कार्यकर्ताओं को मानने
होंगे|
इस
व्यवस्था को कौन बना रहे हैं?
राजीव
दीक्षित जी ( जन्म १९६५ - परलोक गमन २०१० ) पेसे से एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने सरे
सुख सुविधा और सुनहरे जीवन यात्रा को छोड़ कर अपना संपूर्ण जीवन देश की सेवा में
अर्पित कर दिया था|
वे
एक ऐसी हस्ती थे, जिन्होंने देश की समश्याओं की एक अद्भुत सूचि
बनाई और उन समस्याओं के समाधान पर अद्भुत अनुसंधान किया|
उनके
१८ साल के अध्ययन और अनुसंधान से उन्होंने ये निष्कर्ष निकाला की अब सत्ता बदलने
से देश में बदलाव नहीं आएगा, बल्कि व्यवस्थाओं का बदलाव करना पड़ेगा| उन्होंने एक ऐसी
व्यवस्था की कल्पना की थी जिसमे आम आदमी का राज सत्ता पर सम्पूर्ण अंकुश रहेगा और
राज सत्ता वही करने को मजबूर रहेगी जो जनता चाहेगी| ये हमारा दुर्भाग्य है की वे इस सपने को साकार
करने के पहले हीं शहीद हो गए|
उन्ही
से प्रेरित होकर देश भर के
हजारों युवा मिलकर एक ऐसे राजनितिक दल का गठन कर रहे हैं, जो
आम आदमी द्वारा सम्पूर्ण लोकतान्त्रिक व्यवश्थाओं से परिचालित होगा|
-> भारत
में पहली बार एक ऐसे राजनितिक दल का गठन हो रहा है जिसमे लगाम आम आदमी के पास है| पहली बार आम
आदमी को उनका अधिकार दिया जा रहा है| अतः इस ढांचे की सफलता निश्चित है|
२०१४
के केंद्रीय चुनाव में कौन कौन से क्षेत्र से चुनाव लड़े जायेंगे?
-> हमारा
लक्ष्य ये है की हमलोग २०१४ के चुनाव में कम से कम ५० लोकसभा केंद्र पर दल की ओर
से आम जनता द्वारा चुने हुए उमीदवारों को खड़ा कर पायें|
-> आज
लोगों के पास वोट देने के सिवाय और कोई अधिकार नहीं बचा है| आज तक हमें उनको
वोट देना पड़ता था जिन्हें हम सिर्फ जानते हैं, न
कि जिन्होंने
समाज कल्याण के लिए प्रमाणिक तौर पर कुछ कार्य किये हैं| हर बार वोट देने
के बाद हमें मायूसी हाथ लगती है|
पर जब जनता को पता होगा कि हमारे पार्टी के उमीदवार जीतने के
बाद भी बहिष्कृत किये जा सकते हैं, तो आम जनता इस
दल के उमीदवार को हीं वोट देगी|
-> इस
दल से जुड़ने के लिए आप हमारे किसी भी जनमत संग्रह केंद्र में जाकर फॉर्म भरके इस
दल से जुड़ सकते हैं| आप
ये सदस्यता फॉर्म इन्टरनेट से भी डाउनलोड कर सकते हैं|
आपके
निकट अगर कोई जनमत संग्रह केंद्र नहीं है तो आप हमें आपका नाम, पता
और उम्र एस. एम्. एस. कर सकते हैं और हमारे कोई कार्यकर्ता आपसे फॉर्म संग्रह कर
लेंगे|
-> इस
दल का समर्थन कोई भी कर सकता है|
परुन्तु संगठन में उनके लिए कोई स्थान नहीं होंगे जो शराब पीते हैं,
जो जुवा खेलते हैं, जिनके विरुद्ध
कोई आपराधिक मुकद्दमा चल रहा है और जिनकी सामाजिक छवि अच्छी नहीं
है|
इस
दल के साथ जुड़ने से क्या लाभ होगा?
अच्छे
लोगों के लिए राजनीति
में आने का ये एक बहुत अच्छा मंच होगा| इस संगठन में काम करने वालों को अधिक से अधिक
प्रोत्साहन मिलेगा और उन्हें आगे बढ़ने के लिए सारे कार्यकर्ता प्रोत्साहन देंगे|
सिर्फ
ये हीं नहीं, आपके अच्छे कार्यों को लोगों तक पहुँचाने का
दायित्व भी संगठन का हीं होगा|
-> हर
लोक सभा केंद्र में ३० से ५० सदस्यों के एक गवर्निंग बॉडी का पहले गठन किया जायेगा| यह गवर्निंग
बॉडी संगठन को नेतृत्व देने का कार्य करेगी|
संगठन
में १० सदस्यों के एक चुनाव आयोग का गठन किया जायेगा| इस आयोग का
दायित्व ये होगा की दल के अन्दर जनमत से काम करने के जो नियम हैं उनका योजना तय
करना और अगर कोई उसका उलंघन करे तो उसको नोटिस जरी करना|
इसके
अतिरिक्त कार्यकर्ता जिनके पास वोटिंग राईटस होंगे एवं समर्थक और संरक्षक
(पट्रोंस) जिनके पास वोटिंग राईटस नहीं होंगे वे भी दल के अभिन्न अंग होंगे|
-> चूकी
ये संगठन लोकतंत्र के आधार पर गठित है अतैव संगठन में सारे निर्णय वोटिंग से हीं
तय किये जायेंगे| संगठनिक
निर्णयों के वोटिंग राईटस सिर्फ उन्ही को प्राप्त होंगे, जिन्हें
भारत के वाश्ताविक इतिहास, भारत की अर्थव्यव्स्था, भारतीय
संस्कृति, भारत के वर्तमान समस्याओं की जानकारी तथा उनके
समाधान का ज्ञान होगा|
इसके
लिए संगठन की ओर से २ से ५ सी. डी. के पैक दिए जायेंगे, जिनमे
स्वर्गीय श्री राजीव दीक्षित जी के द्वारा इन विषयों पर अत्यंत प्रमाणिक व्याख्यान
दिए गए हैं|
हर
महीने में एक लिखित एवं मौखिक परीक्षा का आयोजन किया जायेगा और जो उसमे ६०% से
अधिक अंक प्राप्त करेंगे वे पार्टी के वोटिंग राईटस के अधिकारी होंगे| ये बिलकुल
निरपेक्ष परीक्षा होगा और जो ६०% अंक प्राप्त नहीं कर पाएंगे उन्हें दोबारा
परीक्षा देने का अधिकार होगा|
-> अनपढ़
लोग भी इस संगठन में वोटिंग राईटस प्राप्त कर सकते हैं| उन्हें बस राजीव
दीक्षित जी के व्याख्यानों को सुनकर मौखिक परीक्षा देना पड़ेगा|
युवाओं
का इस दल में क्या महत्व रहेगा? -> ये
संगठन युवाओं द्वारा हीं गठित हो रहा है अतैव युवाओं का और मुख्यतः कॉलेज के
छात्रों का इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रहेगा|
आम आदमी के पास होगा अपने उमीदवारों को चुनने
का अधिकार
(राईट टू सेलेक्ट कैसे
)
-> चुनाव
के २-३ महीने पूर्व हर शहर और गाँव में जनमत संग्रह कैंप बैठाये जायेंगे, जिसमे
हर नागरिक अपने पसंद के उमीदवारों के नाम का सुझाव दे सकते हैं| इसमें जिस
उमीदवार को चुनाव में सबसे अधिक वोट मिलेंगे वो हीं चुनाव में खड़े होने का अधिकारी
होगा|
आम आदमी के पास होगा चुने हुए उमीदवार
के काम के काम का मूल्यांकन करने का अधिकार (राईट टू एस्सेस):
कैसे?
-> हर
महीने के अंतिम रविवार को एक पूर्व निर्धारित जगह पर चुने हुए उमीदवार के साथ आम
नागरिकों का बैठक होगा| इसमें
हर नागरिक उमीदवार से सवाल कर सकते हैं और जवाब पा सकते हैं| उमीदवार को हर
सवाल का जवाब विस्तृत रूप से देना पड़ेगा| हर ऐसी बैठक के बाद जनमत लिए जायेंगे जिसमे
बैठक में आये हुए हर व्यक्ति उमीदवार को १०० में से अंक देंगे|
बैठक
के अंत में उमीदवार को इस वोटिंग का परिणाम बता दिया जायेगा, जिससे
कि वो समझ सके कि उसका काम आम आदमी का विश्वास बढ़ा रहा है या घटा रहा है| यह विधि अच्छे
उमीदवारों का आत्मविश्वास बढ़ाएगा और जिनके ऊपर आम आदमी का विश्वास घटा है उनको
सावधान करेगा|
अगर
३ महीने लगातार किसी उमीदवार को ५० से कम अंक प्राप्त होते हैं, तो उनके विरोध में अविश्वास प्रस्ताव लाया जायेगा|
आम आदमी
के पास रहेगा चुने हुए नेता को बहिष्कृत करने का अधिकार (राईट टू रिजेक्ट):कैसे?
-> अगर
३ महीने तक लगातार आम आदमी द्वारा किये गए वोटिंग में, किसी
उमीदवार को ५० अंक से कम अंक प्राप्त हुए तो उनके विरोध में अविश्वास प्रस्ताव
लाया जायेगा| अविश्वास
प्रस्ताव में हारने पर उनको अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा|अगर वे अपने पद
से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनको दल से बहिष्कृत कर दिया जायेगा|
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